यदि किसी जन आधार परिवार में कोई भी व्यस्क सदस्य नहीं बचता है या अवयस्क बच्चे अपना जन आधार बनाना चाह रहे है तो :-
1. किसी भी व्यस्क को परिवार के संरक्षक( जिसका जन आधार कार्ड बना हो ) के रूप में मुखिया बनाया जायेगा।
2. जन आधार में बच्चों का नामांकन अनाथ बच्चों के सदृश्य ही किया जायेगा।
3. अवयस्क बच्चों के जन आधार में अद्यतन को संरक्षक के द्वारा सम्पादित किया जा सकता है।
4. परिवार में 18 वर्ष या अधिक आयु के सदस्य के उपलब्ध हो जाने पर संरक्षक की भूमिका स्वतः ही समाप्तः हो जाएगी।