जन आधार राजस्थान की “एक नंबर, एक कार्ड, एक पहचान” पर आधारित एक सामाजिक-आर्थिक डायरेक्ट्री है। इस योजना के तहत राज्य के निवासी परिवारों की जन-सांख्यिकीय एवं सामाजिक-आर्थिक सूचनाओं का डेटाबेस तैयार किया गया है एवं जन आधार के माध्यम से परिवार एवं उसके सदस्यों की पहचान तथा पते के दस्तावेज के रूप में मान्यता प्रदान की गई है। इस योजना के माध्यम से राज्य की विभिन्न नगद विभागीय योजनाओं के लाभ पारदर्शी रूप से सीधे ही लाभार्थी के बैंक खाते में तथा गैर-नगद लाभ निवासियों को उनके घर के समीप उपलब्ध करवाया जा रहा है।
राजस्थान के निवासी परिवार एवं राज्य कर्मी (सरकारी पेंशनर भी) जो राज्य के बाहर के निवासी हैं अथवा वर्तमान में राज्य के बाहर कार्यरत हैं, जन आधार नामांकन करा सकते है। निवासी से तात्पर्य जो राज्य में कम से कम 6 माह से निवास कर रहा हैं।
जन आधार योजना में नामांकन के लिए परिवार का कोई भी व्यस्क सदस्य वांछित दस्तावेजों के साथ राजस्थान जन आधार प्राधिकरण की वेबसाइट https://janaadhaar.rajasthan.gov.in/ पर उपलब्ध सुविधा के माध्यम से अथवा किसी भी ई-मित्र केन्द्र पर जाकर आवेदन कर सकता है। नामांकन हेतु प्रस्तावित परिवार की मुखिया की आधार संख्या प्रविष्ठी उपरान्त भेजे गये ओ.टी.पी दर्ज करने पर नामांकन प्रक्रिया प्रारम्भ हो जाती है। तद्नुसार मुखिया व परिवार के अन्य सदस्यों की सूचनाएं दर्ज कर तथा उनसे संबंधित दस्तावेज अपलोड कर नामांकन पूर्ण किया जाता है। जन आधार नामांकन पूर्ण होने के पश्चात आवश्यकतानुसार द्विस्तरीय सत्यापन होता है तथा डुप्लीसिटी इत्यादि की जाँच के बाद सफल सत्यापन उपरान्त 10 अंकीय जन आधार परिवार पहचान संख्या जारी कर जन आधार कार्ड प्रदान किया जाता है।
18 वर्ष से अधिक आयु की परिवार की महिला को परिवार की मुखिया बनाया जाता है। यदि परिवार में 18 वर्ष या उससे अधिक आयु की महिला नहीं है तो 21 वर्ष या उससे अधिक आयु का पुरूष मुखिया बन सकता है। यदि परिवार में 18 वर्ष या उससे अधिक आयु की महिला और 21 वर्ष या उससे अधिक आयु का पुरूष भी नहीं हो तो परिवार में अधिकतम आयु का कोई भी सदस्य, परिवार का मुखिया बन सकता है।
अनिवार्य दस्तावेज
1. परिवार के मुखिया एवं परिवार के सभी 5 वर्ष से अधिक सदस्यों की आधार संख्या
2. परिवार के मुखिया की बैंक पासबुक की प्रति (आवश्यकता होने पर परिवार के अन्य सदस्यों के बैंक पासबुक की प्रति)
3. पाँच वर्ष तक के सदस्य का जन्म प्रमाण पत्र व फोटो
4. पते का दस्तावेज
अन्य दस्तावेज आवश्यकतानुसार।
हाँ, चूँकि जन आधार का मुख्य उद्देश्य सही निवासी की पहचान है जिसके लिए निवासी का बायोमैट्रिक अथवा ओटीपी से आधार अधिप्रमाणन आवश्यक है अतः 5 वर्ष से अधिक के सभी निवासियों का आधार आवश्यक है।
जन आधार नामांकन के सत्यापन हेतु द्विस्तरीय व्यवस्था है।
प्रथम सत्यापन- ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम विकास अधिकारी एवं शहरी क्षेत्रों में अधिशाषी अधिकारी द्वारा
द्वितीय सत्यापन- ग्रामीण क्षेत्रां में ब्लॉक विकास अधिकारी एवं शहरी क्षेत्रो में उपखण्ड अधिकारी द्वारा
इस सत्यापन प्रक्रिया के बाद जन आधार परिवार आईडी जारी कर दी जाती है।
आमजन जन आधार नांमाकन एवं आधार का स्टेटस ई-मित्र/स्वयं के एएसओ आई डी के माध्यम से या https://janaadhaar.rajasthan.gov.in/ पर उपलब्ध Jan Aadhaar Status and Aadhaar status in Jan Aadhaar के माध्यम से देख सकता है।
जन आधार में आधार ई-केवाईसी द्वारा परिवार के मुखिया व परिवार के सभी सदस्य के आधार की सुनिश्चित्तता हेतु सबंधित का आधार प्रमाणीकरण कराया जाता है। जिसके द्वारा आधार डेटाबेस से उसकी नाम, जन्मतिथि, लिंग और फोटो जन आधार में समाहित किया जाता है।
हां, जन आधार नामांकन/संशोधन के लिए परिवार के मुखिया और 5 वर्ष से अधिक आयु के सभी सदस्यों के लिए जन आधार में आधार ई-केवाईसी करना अनिवार्य है। 5 वर्ष से कम आयु के सदस्यों को अपना ई-केवाईसी जन्म प्रमाण पत्र (यदि जन्म प्रमाण पत्र राजस्थान में जारी किया गया है) या आधार ई-केवाईसी (यदि जन्म प्रमाण पत्र राजस्थान राज्य के बाहर जारी किया गया है) के माध्यम से करना चाहिए।
जन आधार में आधार ईकेवाईसी नजदीकी स्वयं के एएसओ आई डी या ई-मित्र के माध्यम से जन आधार पोर्टल पर दिये गये ऑप्षन ‘‘फैमिली ईकेवाईसी‘‘ पर जाकर कर सकते है, जिसकी प्रक्रिया जन आधार की वेबसाइट पर उपलब्ध मैन्यूअल में समझाई गई है।
परिवार को जन-आधार पहचान संख्या जारी होने के उपरान्त निवासी स्वयं एस.एस.ओ. आई डी के माध्यम से जन-आधार ई-कार्ड निःशुल्क डाउनलोड कर सकता है अथवा किसी भी ई-मित्र पर जाकर भी ई-कार्ड प्राप्त कर सकता है।
जन आधार नामांकन व नामांकित जन आधार में सदस्य को जोडा जाना निःशुल्क है। अद्यतन यदि स्वयं के द्वारा एसएसओ आई.डी. के माध्यम से किया जाता है तो निःशुल्क है एवं ई-मित्र के द्वारा आवेदन किये जाने पर सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क देय होगा।
हां, जन आधार पंजीयन में दर्ज सूचनाओं में किसी भी प्रकार का संशोधन /अद्यतन ई-मित्र पर या स्वंय एस.एस.ओ. के माध्यम से जन आधार संख्या को एस.एस.ओ. की प्रोफाइल में अपडेट करने के उपरान्त Citizen apps में उपलब्ध जन आधार आइकन में जाकर संशोधन किया जा सकता है। संशोधन/अद्यतन परिवार के मुखिया/वयस्क सदस्य द्वारा आधार अधिप्रमाणन के माध्यम से कराया जा सकता है। जन आधार में संशोधन का सत्यापन द्विस्तरीय प्रक्रिया द्वारा ही किया जाता है।
जन आधार संशोधन/अद्यतन के सत्यापन हेतु द्विस्तरीय व्यवस्था है।
प्रथम सत्यापन- ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम विकास अधिकारी एवं शहरी क्षेत्रों में अधिशाषी अधिकारी द्वारा
द्वितीय सत्यापन- ग्रामीण क्षेत्रां में ब्लॉक विकास अधिकारी एवं शहरी क्षेत्रो में उपखण्ड अधिकारी द्वारा
उक्त दोनों सत्यापन होने के बाद डुप्लीसिटी की जाँच हेतु सिस्टम आधारित अनुलिपिकरण प्रक्रिया भी संपादित होती है। इस अनुलिपिकरण प्रक्रिया के सफल होने के उपरान्त सत्यापन पूर्ण होता है।
जन आधार पोर्टल में दी गई SPLIT सुविधा के माध्यम से परिवार को विभाजित किया जा सकता है। विभाजित सदस्यों को एक नई जन आधार परिवार आईडी प्रदान की जाती है, उनकी सदस्य आईडी अपरिवर्तित रहती है।
बशर्ते, विभाजित सदस्यों में से, या तो एक सदस्य या पुराने परिवार का कम से कम एक सदस्य नए परिवार का मुखिया बनने के लिए आवश्यक सभी शर्तों को पूरा करता हो। साथ ही, 5 वर्ष से अधिक आयु के परिवार के सभी सदस्यों की जन आधार में आधार ई-केवाईसी पूरी होनी चाहिए। 5 वर्ष से कम आयु के सदस्यों को अपना ई-केवाईसी जन्म प्रमाण पत्र (यदि जन्म प्रमाण पत्र राजस्थान में जारी किया गया है) या आधार ई-केवाईसी (यदि जन्म प्रमाण पत्र राजस्थान के बाहर जारी किया गया है) के माध्यम से पूरा करना चाहिए।
जन आधार पोर्टल में प्रदान की गई सदस्य स्थानांतरण सुविधा के माध्यम से सदस्यों को एक जन आधार परिवार से दूसरे में स्थानांतरित किया जा सकता है,
बशर्ते कि 5 वर्ष से अधिक आयु के परिवार के सभी सदस्यों ने जन आधार में अपना आधार ई-केवाईसी पूरा कर लिया हो। 5 वर्ष से कम आयु के सदस्यों को अपना ई-केवाईसी जन्म प्रमाण पत्र (यदि जन्म प्रमाण पत्र राजस्थान में जारी किया गया है) या आधार ई-केवाईसी (यदि जन्म प्रमाण पत्र राजस्थान के बाहर जारी किया गया है) के माध्यम से पूरा करना चाहिए।
जन आधार परिवार में किसी सदस्य की मृत्यु हो जाने पर परिवार को मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाते समय जन आधार संख्या उपलब्ध करानी चाहिये, जिससे मृत व्यक्ति का नाम स्वतः ही हट सकें।
यदि मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाते समय मृत व्यक्ति का जन आधार नहीं दिया जाता है तो ऐसे मृत व्यक्ति के नाम को हटाने के लिए ई-मित्र के माध्यम से आवेदन करना होगा, जिसके सत्यापन के बाद (प्रथम एवं द्वितीय स्तर के सत्यापनकर्ता द्वारा) जन आधार से नाम हटाया जा सकता है।
जन आधार में मृत्यु के अतिरिक्त सभी अन्य कारणों में सदस्य हटाने के लिए ऑनलाईन माध्यम से संबंधित ब्लॉक विकास अधिकारी/ उपखण्ड अधिकारी से अनुशंषा सहित आवेदन को संबंधित जिला कलक्टर को प्रेषित करानी होगी, इसके उपंरात जिला कलक्टर से इसे Approve/Reject किया जायेगा।
नहीं, जन आधार में निवासी परिवार आईटीआर अथवा नोटेरी से सत्यापित दस्तावेज अपलोड करवाकर गत वित्तीय वर्ष की आय ही दर्ज करा सकता है। सत्यापन के उपरान्त परिवार की आय अपडेट हो जाती है। अपडेट हुई इस आय के विवरण में उस वित्त वर्ष हेतु कोई संशोधन नहीं कराया जा सकता हैं, केवल टाईपिंग त्रुटि के कारण अपलोड किये गये दस्तावेज से भिन्न आय के दर्ज होने पर इसे एक बार संशोधित कराया जा सकता है।
पीपीओ नम्बर जन आधार में सीधे अपडेट नहीं किया जा सकता है। जन आधार में पीपीओ नम्बर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित rajssp services से प्राप्त होते हैं। यदि किसी व्यक्ति का पीपीओं नम्बर नहीं जुड़ पाता है तो संबंधित व्यक्ति सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग से सम्पर्क कर अपना पीपीओ नम्बर दर्ज करा सकता है।
मूल निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र जन आधार मे सीधे अपडेट नही किये जा सकते हैं। ये ई-मित्र सेवाओं के माध्यम से प्रमाण-पत्र जारी होने के बाद स्वतः अपडेट होते हैं। अतः ई-मित्र के माध्यम से डिजीटल मूल निवास व जाति प्रमाण पत्र बनवायें ताकि वे सीधे ही जन आधार में अपडेट हो जाए।